
एजेंसी नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण एक बार फिर भारत और पड़ोसी देश चीन के बीच रिश्तों में सुधार होता दिख रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग की डेट फिक्स हो गई है। दोनों देशों के प्रमूख नेता आने वाले रविवार को तियानजिन में द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के प्रमुखों के मिलना तय हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी जापान के अपने दो दिवसीय दौरे के बाद एससीओ शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। इसके लिए चीन के राष्ट्रपति ने उन्हें निमंत्रित किया है। इस द्विपक्षीय वार्ता में ट्रंप के टैरिफ को पर बात होने की संभावना है। साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।
बता दें कि पिछले 7 वर्षों में प्रधानमंत्री की यह पहली चीन की यात्रा होगी। एलएसी पर जून 2020 में गलवान घाटी में हुए सैन्य झड़प के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी चीन जाएंगे और बैठक में भाग लेंगे। ऐसे में यह मीटिंग कई मायनों में दोनों देशों के बीच रिश्तों के लिहाज महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासकर ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है।
बता दें कि इसके पहले चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। इस दौरान हुई द्विपक्षीय वार्ता में भारत और चीन के बीच पिछले 4 साल से चले आ रहे सीमा टकराव को समाप्त करने को लेकर समझौता हुआ था।
वहीं 21 अगस्त को भारत में चीन के राजदूत जू फीहोंग ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री का चीन दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार और विकास को नई गति प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस यात्रा को सफल बनाना जरूरी है, हमारी ओर से हम इस यात्रा को बहुत महत्व देते हैं।
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इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी यात्रा को लेकर एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। यह में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने सहित आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता से प्रेरित है। साथ ही प्रधानमंत्री की ओर से एससीओ समिट में निमंत्रण के लिए भी राष्ट्रपति शी को धन्यवाद दिया गया था।