नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन से पांच दिन पहले खरीदी का महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र 14 एवं 15 अक्टूबर को 24 घंटे 6 मिनिट रहेगा। इस वर्ष नक्षत्रों के राजा पुष्य का सयोग मंगल एवं बुध के साथ बनेगा। मंगल पुष्य से जहां धन वृष्टि वहीं बुध पुष्य से सर्वार्थ सिद्धि के संयोग बन रहे है। इसमें सोना-चांदी भूमि, भवन, मकान, दुकान के साथ ही सभी अचल-अचल संपत्ति की खरीदी स्थायी शुभ फल प्रदान करेगी।
इस संयोग के साथ सिध्य और साध्य योग भी रहेंगे जो दिन का महत्व ओर अधिक बढ़ा रहे हैं। इस मौके पर सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सहित भी बाजार खरीदारों से गुलजार रहेंगे। ज्योतिविर्दों के अनुसार नक्षत्रों का राजा पुष्य मंगलवार को दिवस पर्यंत एवं बुधवार को उदयातिथि में रहने से यह दोनों ही दिन मान्य रहेगा। ज्योतिर्विद विनायक तिवारी के अनुसार 14 अक्टूबर मंगलवार को पुष्य नक्षत्र सुबह 11.54 से बुधवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्रों को नक्षत्रों का राजा बताया गया है।
इस नक्षत्र में सोना और चांदी की खरीदी को सबसे शुभ माना जाता है जो सुख-समृद्धि की देवी महालक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। साथ ही जमीन, मकान और वाहन की खरीदारी भी लाभकारी मानी गई है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामग्री एवं वाहन के साथ ही घरेलू उपयोगी सामग्री की खरीदारी भी समृद्धि दायक बताई गई।
ज्योतिर्विद पं. विजय त्रिवेदी कहते है कि पुष्य नक्षत्र को मां लक्ष्मी का जन्म नक्षत्र बताया गया है। इसके चलते इस दिन धन और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी को अपने घर आमंत्रित करने सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। इस दिन सोना या अन्य धातु या घर लाई गई चल-अचल संपत्ति प्रतीक रूप में लक्ष्मी का आगमन है। इससे घर में स्थाई रूप में सुख-समृद्धि की वास होता है।
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