धर्म डेस्क, इंदौर (Ram Navami 2025)। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी छह अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ था। इस दिन प्रभु रामलला का जन्मोत्सव मनाने के साथ पूजा की जाती है।
मध्य प्रदेश में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन श्रीराम के साथ माता सीता की पूजा करने से साधक को हर एक दुख-दर्द से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का भी विधान है।
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का आरंभ पांच अप्रैल शनिवार को शाम सात बजकर 26 मिनट से होगा। नवमी तिथि समाप्त छह अप्रैल रविवार को शाम सात बजकर 22 मिनट पर होगी।
पंचांग के अनुसार छह अप्रैल को रामनवमी का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर आठ मिनट से दोपहर एक बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
कार्यों में सफलता पाने के लिए राम नवमी के शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम की विधिपूर्वक पूजा करें और देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। उन्हें चंदन का तिलक लगाएं और श्रीराम स्तुति का पाठ करें।
ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को सभी कामों में सफलता प्राप्त होती है और प्रभु प्रसन्न होते हैं।इसके अलावा राम नवमी के दिन अन्न और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
इस उपाय को करने से साधक को भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।इन योग में भगवान श्रीराम एवं राम परिवार की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।