सरकारी मंडप में शादी करने चलीं शादीशुदा महिलाएं, 2000 आवेदनों में 1000 मिले फर्जी
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत करीब एक हजार अपात्र आवेदकों के आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं। समाज कल्याण विभाग का कहना है कि जांच अभी जारी है और कई अन्य अपात्र मामले भी सामने आ सकते हैं।
Publish Date: Mon, 10 Nov 2025 11:55:00 AM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Nov 2025 11:56:15 AM (IST)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में मिले फर्जी आवेदन।HighLights
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में मिले फर्जी आवेदन
- बरेली में 2000 आवेदनों में एक हजार मिले फर्जी
- रुपये के लालच में अपात्रों ने किए आवेदन
नईदुनिया नेटवर्कः आंवला क्षेत्र के एक ग्रामीण परिवार की विवाहित बेटी ने अलमारी में रखा दुल्हन का जोड़ा और उसके पति ने कोट-सूट निकाल रखा था। अप्रैल में परिवार की रज़ामंदी से गांव में सात फेरे ले चुके इस दंपती की तैयारी 18 नवंबर को सरकारी मंडप में दोबारा शादी करने की थी। उद्देश्य था मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक लाख रुपये की सरकारी सहायता हासिल करना।
हालांकि, सत्यापन प्रक्रिया में सच्चाई उजागर हो गई। जांच के दौरान पता चला कि दंपती पहले ही शादी कर चुके हैं। ऐसे ही जिले के करीब एक हजार अपात्र आवेदकों के आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं। समाज कल्याण विभाग का कहना है कि जांच अभी जारी है और कई अन्य अपात्र मामले भी सामने आ सकते हैं।
कैसे होती है योजना की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों की बेटियों की शादी का खर्च वहन करती है। यह सुविधा उन परिवारों को मिलती है जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है। लाभ के लिए लड़की पक्ष की ओर से ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। इस वर्ष जिले में 30 सितंबर तक 3,800 आवेदन प्राप्त हुए।
एक हजार से अधिक मामलों में झूठी जानकारी सामने आई
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर के अनुसार, सभी आवेदनों का चरणवार सत्यापन कराया जा रहा है। पहले चरण में 2,000 आवेदनों की जांच के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी की टीमें भेजी गईं।
उन्होंने घर-घर जाकर जानकारी ली और पड़ोसियों से भी पुष्टि की। इसी दौरान एक हजार से अधिक मामलों में झूठी जानकारी सामने आई। कई युवतियां पहले से विवाहित पाई गईं, फिर भी उन्होंने योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया था।
अभी 1,800 आवेदनों की जांच शेष
अभी तक 1,800 आवेदनों का सत्यापन बाकी है। अधिकारियों को आशंका है कि इनमें भी कई अपात्र निकल सकते हैं। कुछ जोड़े अपने आप को अविवाहित बताकर सामूहिक विवाह समारोह में दोबारा फेरे लेने की कोशिश करते हैं ताकि योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता हासिल कर सकें।
योजना के तहत प्रति दुल्हन एक लाख रुपये का खर्च
इस वर्ष जिले में 910 जोड़ों की शादियों का लक्ष्य तय किया गया है। प्रत्येक दुल्हन पर सरकार एक लाख रुपये खर्च करती है। शादी के दिन दुल्हन के बैंक खाते में 60 हजार रुपये ट्रांसफर करने के साथ ही 25,000 रुपये के उपहार व 15,000 रुपये व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं। बरेली जिले में 19 नवंबर को सामूहिक विवाह समारोह आयोजित होगा।