फेज: 5
चुनाव तारीख: 6 मई 2019
दूसरी आजादी के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सारण संसदीय क्षेत्र हमेशा से हाईप्रोफाइल रहा है। यह धरती लोक सांस्कृतिक के जनक भिखारी ठाकुर के लोक नाट्य के कारण भीअंतरराष्ट्रीय पहचान रखती है। सारण संसदीय क्षेत्र 1967 तक कांग्रेस का गढ़ था। इसके बाद भाजपा और राजद में मुकाबला होता आ रहा है। 1977 में पहली बार यहां से लालू प्रसाद यादव सांसद बने। वे यहां से 1989, 2004 और 2009 में जीतकर सांसद पहुंचे। 2014 में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराकर यह सीट जीती। इसके पूर्व वे 1996 व 1999 में भी यहां से सांसद रहे। विधानसभा क्षेत्र, बड़ी घटनाएं और विकास सारण लोक सभा में छह विधान सभा क्षेत्र हैं-छपरा, सोनपुर, परसा, मढ़ौरा, अमनौर और गडख़ा। छपरा व सोनपुर रेलखंड के बीच 25 जून 2014 राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी। सोनपुर में 15 जनवरी 2017 मकरसंक्रांति को नाव दुर्घटना में 25 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में तत्कालीन डीएम व एसपी पर कार्रवाई की गई थी। सांसद राजीव प्रताप रूडी नेकौशल विकास मंत्री रहते हुए सारण में युवाओं को तकनीकी जानकारी के लिए कौशल विकास केंद्र खोलवाए। सड़कों का जाल बिछाया। दियारा क्षेत्र में आजादी के बाद बिजली पहुंचाई। स्थानीय मुद्दा और डेमोग्राफी सारण लोक सभा क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा का अभाव है। जिला मुख्यालय में आधुनिक सुविधा वाला अस्पताल और ट्रामा सेंटर नहीं है। मढ़ौरा चीनी मिल बंद पड़ी है। लोगों को रोजगार की दरकार है। डेमोग्राफी : - कुल मतदाता : 1655701 - पुरुष : 888612 - महिला : 767089 - थर्ड जेंडर : 35 - नए मतदाता : 3586 सारण की खास बातें सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आया। परिसीमन से पहले यह क्षेत्र छपरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा था। गंगा, गंडक एवं घाघरा नदी से घिरा यह क्षेत्र बेहद उपजाऊ है। प्राचीन काल में सारण की भूमि वनों के विस्तार और यहां के हिरणों के कारण प्रसिद्ध था। चिरांद यहां का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। महाजनपद काल में सारण कोसल का हिस्सा था। गण्डकी नदी के किनारे पर भगवान धधेश्वर नाथ के प्राचीन मंदिर यहां बेहद लोकप्रिय स्थल है। इस क्षेत्र में रेल पहिया कारखाना, डीजल रेल इंजन लोकोमोटिव कारखाना, चीनी मिल, मोरर्न मिल आदि प्रमुख सरकारी औद्योगिक संस्थान हैं।